बिहार में फिर नीतीश

पटना। बिहार विधानसभा के लिए हुए चुनाव में सीटों को लेकर राजग और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर की चल रही थी। मतगणना से मिल रहे रुझानों पर यदि भारोसा करें तो राजग की सरकार फिर बनती दिख रही है। विधानसभा की 243 सीटों में से राजग को 133 सीटों पर बढ़त मिल चुकी है। हालांकि यह रुझान आज सुबह 11.15 बजे तक के थे। इन आंकड़ों में फेरबदल भी हो सकता है। इन रुझानों ने सभी एग्जिट पोल के अनुमानों को ध्वस्त कर दिया है। सभी 243 सीटों के रुझान मिल गए हैं। महागठबंधन को 98 सीटों पर बढ़त मिली थी। अन्य के खाते में 13 सीटें जाती दिख रही थीं। इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि चिराग पासवान राजग को ही सरकार बनाने में मदद करेंगे। उनकी पार्टी लोजपा को आठ सीटों पर बढ़त मिली थी। राघोपुर सीट से राजद के नेता तेजस्वी यादव आगे चल रहे हैं लेकिन उनके भाई तेज प्रताप यादव हसनपुर सीट से काफी पीछे हो गए हैं। 16 सीटों पर अन्य दलों को बढ़त मिली थी, इनमें से दो सीटें बसपा के खाते में जाती दिख रही थीं। बिहार की वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से जदयू आगे चल रही है।
भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार प्रेम कुमार गया सदर सीट से आगे हैं, जबकि नंदकिशोर यादव पटना साहिब सीट पर बढ़त बना चुके थे। कांग्रेस के प्रत्याशी और
फिल्म अभिानेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव कुमार बांकीपुर सीट से काफी पिछड़ गए थे। यहां से नवीन नितिन तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने की ओर हैं। यहीं से प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी पिछड़ती दिख रही थीं।
हालांकि आज सुबह मतगणना शुरू होते ही राजग और महागठबंधन में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही थी और एक-एक सीट को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। शुरुआत में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन राजग ने धीरे-धीरे आगे बढ़ना शुरू किया और बाद में अपनी बढ़त बना ली। तमाम एग्जिट पोल के नतीजों से उलट यह रुझान राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी एक बड़ा झटका जैसा साबित हुआ क्योंकि उन्हें
फिर से सोचने पर मजबूर होना पड़ा। तमाम एग्जिट पोल में महागठबंधन की भारी जीत बताई जा रही थी। सभी राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे थे कि नीतीश कुमार इस बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे लेकिन रुझानों से साफ हो गया है कि नीतीश ही फिर से सत्ता की कमान सं•भालेंगे ।
हालांकि एक बात यह भी साफ हो गया है कि बिहार का यह चुनाव एकतरफा नहीं रहा। 69 साल के नीतीश कुमार को 31 वर्ष तेजस्वी यादव ने जिस तरह से चुनौती पेश की, वह कम हैरान करने वाला नहीं है। बिहार ने इस चुनाव के जरिए दो नेता दिए हैं, जिनमें एक तेजस्वी और दूसरा चिराग पासवान हैं। निश्चितरूप से तेजस्वी यादव ने राजनीति के परिपक्व माने जाने वाले नेता नीतीश कुमार के सामने अपना कद काफी बड़ा कर लिया है। चुनाव आयोग ने राज्य की 243 विधानसभा सीटों की मतगणना के लिए बिहार के 38 जिलों में 55 काउंटिंग सेंटर बनाए हैं। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक पूर्वी चंपारण, सीवान, बेगूसराय और गया में तीन-तीन नालंदा, बांका, पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा गोपालगंज, सहरसा में दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। 55 मतगणना केंद्रों में 414 हॉल बनाए गए हैं।
मतगणना केंद्रों पर सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी। चुनाव आयोग ने बिहार में डाक मतपत्र की गिनती को लेकर अतिरिक्त सहायक निर्वाची अधिकारी की तैनाती की है। काउंटिंग के दौरान सबसे पहले डाक मतपत्रों की ही गिनती हुई।