ब्रिटेन के 200 टीचर को जेल संभव

ब्रिटेन में शिक्षकों के चीन के लिए ‘जासूसी’ करने का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। ब्रिटेन की 20 यूनिवर्सिटी के करीब 200 शिक्षक चीन की मदद करने के लिए संदेह के घेरे में आए हैं। इन शिक्षकों के अब जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है। खुफिया अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं इन शिक्षकों ने धोखे से चीन को व्यापक विनाश के हथियार बनाने में मदद की या नहीं। वहीं प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी विवादित चीनी कंपनी से सात लाख पाउंड डोनेशन लेकर विवादों में आ गई है।
ब्रिटिश अधिकारी शिक्षकों की इस बात की जांच कर रहे हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए बने कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया या नहीं। जासूसी के इस संदेह में ब्रिटेन के कई चर्चित विश्वविद्यालय समेत 20 संस्थान लपेटे में आए हैं। इन पर निर्यात नियंत्रण आदेश 2008 के उल्लंघन का संदेह है। अगर शिक्षकों को दोषी पाया गया तो उन्हें 10 साल जेल की सजा हो सकती है।
उधर, ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी भी विवादित चीनी कंपनी के साथ डोनेशन लेकर संदेह के घेरे में आ गई है। यूनिवर्सिटी ने चीनी सॉफ्टवेयर कंपनी टेनसेंट से सात लाख पाउंड डोनेशन लेने के बदले में प्रतिष्ठित प्रफेसरशिप ऑफ फिजिक्स का नाम बदलने का फैसला किया है। साल 1900 से लेकर अब तक यूनिवर्सिटी में इसे द वयकेहम चेयर ऑफ फिजिक्स के नाम से जाना जाता था और अब इसे टेनसेंट-वयकेहम चेयर के नाम से जाना जाएगा। टेनसेंट का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खुफिया शाखा से गहरा संबंध है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी है लपेटे में, चीन के लिए जासूसी करने के मामले का खुलासा
ब्रिटेन के दो पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर ने मांग की है कि ऑक्सफर्ड अपने फैसले पर फिर से विचार करे। वहीं ऑक्सफर्ड के चांसलर लॉर्ड पैटेन ने कहा कि वह टेनसेंट से मिले पैसे बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है।