आगरा से हटाए जाएंगे 702 पेड़

- साल 2015 व 2018 में भीषण तूफान में उखड़ चुके पेड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षा के मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में हो रही सुनवाई
टीटीजेड में भीषण तूफान की जद में आए पेड़ों को हटाने का आदेश सर्वोच्च अदालत ने दे दिया है। आगरा में मौजूद ये 702 वृक्ष हटा दिए जाएंगे। यह इलाका टीटीजेड यानि ताज ट्रिपेजियम जोन में आता है। कोर्ट ने अविलंब इन पेड़ों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है। ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

ताजमहल को बचाने के लिए 10,400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस जोन पर सुप्रीम कोर्ट की सीधी नजर रहती है। मई 2015 और अप्रैल 2018 में इस इलाके में भीषण तूफान आया था, जिसकी चपेट में आकर सैकड़ों पेड़ टूट गए थे। इन्हीं पेड़ों को हटाने के लिए कोर्ट ने आदेश जारी किया है। कोर्ट के आदेशानुसार ही ताजनगरी में 702 पेड़ हटा दिए जाएंगे। चीफ जस्टिस एसए बोवड़े की अध्यक्षता वाली बेंच (जस्टिस एएस बोपन्ना व वी रामासुब्रिमन्यम) को एडीशनल सोलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि 11 अप्रैल 2018 और 2 मई 2015 को तूफान की चपेट में आकर 702 पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं, इनमें से अधिकांश मृत हैं। कोर्ट के आदेश पर ही इन मृत पेड़ों को हटाया जा सकता है। आपको बता दें कि टीटीजेड में मृत अथवा जड़ से उखड़े पेड़ों को हटाने के लिए केंद्रीय अधिकारिक कमेटी यानि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को भी प्रार्थना पत्र देना होता है। कमेटी भौतिक निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट देती है। जिसके आधार पर पेड़ों को हटाने अथवा न हटाने के निर्णय लिया जाता है। अधिकारिक कमेटी के संबंध में 8 मई 2015 को कोर्ट की ओर से आदेश भी जारी हो चुका है।
टीटीजेड को लेकर कोर्ट गंभीर
टीटीजेड को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीर है। जोन में 24 घंटे बिजली के साथ ही गैर प्रदूषित उद्योगों की स्थापना को लेकर वर्षों पूर्व ही आदेश जारी हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के साथ ही एनजीटी की भी आगरा पर सीधी नजर रहती है। टीटीजेड की जद में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस, एटा और भरतपुर जिले का 10,400 वर्ग किमी का क्षेत्र आता है। विश्वदाय स्मारक ताजमहल को बचाने के लिए टीटीजेड का गठन किया गया था।