जल्द बैठने को मिलेगी एसी 3 टियर इकोनॉमी क्लास

- नई क्लास के साथ ट्रैक पर आने वाला है रेलवे का नया कोच
- थर्ड एसी का किराया भी बढ़ाएगा रेलवे, तैयारियां हैं जोरों पर
भारतीय रेलवे अब ट्रेनों में एक नए क्लास के साथ सामने आ रही है। अब तक रेलवे के एसी कोचों में सिर्फ तीन क्लास थे लेकिन अब एसी थ्री टियर इकोनॉमी क्लास नाम का एक नया क्लास जल्द शुरू होने वाला है। ट्रेनों की इस श्रेणी के लिए बिल्कुल अलग तरह के कोच बनाए जा रहे हैं। रेलवे की कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी में बन रहे कोचों की पहली खेप तैयार हो चुकी है। इन डिब्बों को सभी तरह की एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में लगाया जाएगा।
मौजूदा ट्रेनों के एसी डिब्बों को फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी और थर्ड एसी के तीन क्लास में विभाजित किया गया था लेकिन अब एक चौथा क्लास भी होगा, जिसे थ्री टियर एसी इकोनॉमी क्लास कहा जाएगा। दोनों के कोच में मुख्य अंतर ये है कि थर्ड एसी में अभी 72 बर्थ होती हैं, जबकि थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास में 83 बर्थ होगी। यानी इसमें 11 बर्थ ज्यादा होंगी।
इससे रेलवे की प्रति कोच आमदनी भी बढ़ेगी। थर्ड एसी का किराया भी पहले से बढ़ जाएगा और थर्ड एसी इकोनॉमी नया क्लास आ आएगा। थर्ड एसी के कोच में अधिक सीटें निकाल कर बनाए गए थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास की सीटें कुछ पास-पास होंगी। थ्री टियर इकोनॉमी क्लास या थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास के नए कोचों में यात्रा करना यात्रियों को महंगा नहीं पड़ेगा। इसका किराया थर्ड एसी के किराए के बराबर होगा लेकिन थर्ड एसी का किराया बढ़ जाएगा।
ट्रायल के लिए भेजे जाएंगे यह डिब्बे
इन डिब्बों को ट्रायल के लिए भेजा जाएगा। रेलवे के नियम के अनुसार किसी भी नए रेल इंजन या डिब्बों को यात्रियों के लिए पटरी पर लाने से पहले उसका परीक्षण रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) करता है। रेल कोच फैक्टरी कपूरथला से कल बने पहले थ्री टियर इकोनॉमी क्लास कोच को भी परीक्षण के लिए लखनऊ भेजा जा रहा है। रेलवे का दावा है कि ये कोच विश्व में सबसे सस्ते एसी यात्री किराए वाले कोच होंगे। आरसीएफ कपूरथला में ऐसे 248 डिब्बे इस वित्त वर्ष में बनाए जा रहे हैं। ऐसे डिब्बे सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में लगाए जाएंगे।
नए कोच में होंगी यह खूबियां
नए कोच में रेलवे ने पहली बार हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिक स्विचगियर को कोच के भीतर से हटा कर ट्रेन के निचले हिस्से में लगाया है, जिससे कोच में 11 अतिरिक्त सीटें लगाने में आसानी हो गई। इसमें प्रत्येक यात्री के लिए अलग से एक एसी डक्ट दिया गया है, जिसे यात्री अपनी सुविधा से खोल या बंद कर सकते हैं। लाइटिंग बेहतर की गई है। दीवारें और इंटीरियर काफी बेहतर है।

पीआरओ (आगरा रेलमंडल)
इस तरह की कोच को लेकर केंद्र स्तर से कार्रवाई चल रही है। यह रेलवे के लिए भी अभूतपूर्व पल होगा। इन कोच के स्वागत के लिए हम भी तैयार हैं।