बड़े-बड़े निशाने पर

- जॉन्स मिल संपत्ति विवाद: प्रशासन की जांच रिपोर्ट
- चैम्बर अध्यक्ष, ओपी चैन्स, आस्था सिटी सेंटर, बैद्यनाथ समूह, कांग्रेस नेता शब्बीर अब्बास और भाजपा के ध्रुव वशिष्ठ पर भी कसा जा सकता है शिकंजा
जॉन्स मिल संपत्ति मामले में प्रशासन जिन 139 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कर रहा है, उनमें शहर के कई प्रतिष्ठित व्यावसायिक घराने भी शामिल हैं। जॉन्स मिल संपत्ति को लेकर एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में गठित टीम द्वारा जगह के भौतिक सर्वे के बाद बनाई गई रिपोर्ट में नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, ओपी चैन्स समूह के शोभिक गोयल, आस्था सिटी सेंटर के सुनील अग्रवाल और वैद्यनाथ आयुर्वेदिक समूह भी शामिल है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता शब्बीर अब्बास सहित तीन पेट्रोल पंप और पाटनी परिवार का रजवाड़ा मैरिज होम तक शामिल है। इतना ही नहीं खाटू श्याम मंदिर पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं। जांच समिति के आठों सदस्यों के हस्ताक्षर से बनाई गई रिपोर्ट में सभी संपत्तियों के बारे में स्पष्ट लिखा गया है कि जांच के दौरान इनके द्वारा कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गये हैं। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी ने एडीएम आतिथ्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो जमीन के दावेदारों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की फिलहाल जांच कर रही है।
एडीएम आतिथ्य की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों रज्जो जैन, कंवलदीप सिंह और हेमेंद्र अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद बाकी के 139 लोगों में खलबली मच गई है। जिलाधिकारी के कड़े रुख के बाद जांच की जद में आए लोग अपने बचाव में इधर से उधर दौड़ लगा रहे हैं पर अभी तक उन्हें कहीं से राहत नहीं मिल पाई है। आठ लेखपालों और नायब तहसीलदार से कराए गये भौतिक सर्वे और ईटीएस सर्वे सीट पर लिखा है कि नजूल अभिलेखागार की पत्रावली से उपलब्ध कराए गये शजरा सीट के आधार पर जॉन्स मिल क्षेत्र में स्थित स्कूल की भूमि खसरा संख्या 1741 के रकवा 0.124136 एकड़ भूमि पर पोस्ट आॅफिस, स्यामदास करीदा, राधा तिवारी, सुरेश चंद अग्रवाल, अनिल वासवानी और सुरेंद्र सिंह का कब्जा है। इन्होंने यहां पर दुकान व मकान बना रखे हैं। सर्वे टीम द्वारा कागजात मांगने के बावजूद ये लोग कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सके। सर्वे के दौरान अधिकांश कब्जेदारों की दुकान, गोदाम व भवन बंद मिले, जो खुले भी थे, वहां पर कब्जेदार की जगह कर्मचारी मिले। इनसे ही पूछताछ के आधार पर सर्वे रिपोर्ट तैयार कर जांच कमेटी को सौंप दी गई।
खाटू श्याम मंदिर पर भी संकट
सर्वे टीम ने जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि सर्वे के दौरान खाटू श्याम मंदिर के संबंध में उनके सामने कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गये। इसके चलते जॉन्स मिल संघर्ष समिति खाटू श्याम मंदिर पर भी संकट के बादल देख रही है।