चीन ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज किया बैन

चीन ने ब्रिटिश टीवी चैनल बीबीसी वर्ल्ड न्यूज बैन कर दिया है। चीन ने यह प्रतिबंध शिनजियांग में उइगुर अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार के बारे में गलत रिपोर्ट प्रसारित करने का हवाला देते हुए लगाया है। बैन लगाने के बाद ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को चीन पर मीडिया सेंसरशिप का आरोप लगाया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब ने चैनल का चीन में प्रसारण रोकने के निर्णय को अस्वीकार्य बताया।
उन्होंने कहा इससे मीडिया की स्वतंत्रता कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि चीन में मीडिया और इंटरनेट फ्रीडम पर पहले ही कुछ गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं और इस नए कदम से दुनिया की नजरों में चीन की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा। गौरतलब है ब्रिटेन ने 4 फरवरी को चीनी सरकार के नियंत्रण वाले सरकारी मीडिया चाइना ग्लोबल टलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) को बैन कर दिया था।
तभी से इस बात की चर्चा थी कि चीन भी इसके जबाव में बीबीसी को प्रतिबंधित करेगा। ब्रिटेन की जांच में पाया गया था कि सीजीटीएन के पास संपादकीय नियंत्रण का अभाव था। इसके अलावा इस चैनल का संबंध चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भी था। जिसके बाद ब्रिटिश संचार नियामक आॅफकाम ने चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) का ब्रिटेन में लाइसेंस रद्द कर दिया था।
इंग्लैंड और अमेरिका ने की जोरदार निंदा
वहीं अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने चीन के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि हम बीबीसी वर्ल्ड न्यूज पर प्रतिबंध लगाने के पीआरसी के फैसले की पूरी तरह से निंदा करते हैं।
दरअसल बीबीसी ने कुछ दिनों पहले शिनजियांग के डिटेंशन कैंपों में कैद उइगुर मुस्लिमों को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें दावा किया गया था कि चीन ने करीब 10 लाख मुस्लिमों को इन कैंपों में कैद करके रखा हुआ है। इन कैंपों में लोगों के साथ न केवल अमानवीय व्यवहार किया जाता है, बल्कि उनसे जबरन काम भी करवाया जाता है। इनमें महिला कैदियों की हालत और खराब है। महिलाओं को सामूहिक रेप, यौन अत्याचार और यातनाएं भी दी जाती हैं।