चीनी खिलौनों पर लगाम, भारतीय उद्योग को बढ़ावा

चीन से सस्ते खिलौने के आयात पर लगाम लगने के बाद देसी खिलौना विनिर्माता घरेलू मांग की पूर्ति करने के साथ-साथ निर्यात बढ़ाने के भी विकल्प तलाशने लगे हैं। बहरहाल, कारोबारी इस महीने के आखिर में होने जा रहे घरेलू उद्योग का महाकुंभ वर्चुअल टॉय फेयर की तैयारी की तैयारी में जुटे हैं। इस मेले में देश के 1,000 से ज्यादा खिलौना विनिर्माता हिस्सा ले रहे हैं, जिन्हें अपने प्रोडक्ट को इस मंच के जरिए दुनिया के सामने पेश करने का मौका मिलेगा।
टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अजय अग्रवाल ने बताया कि खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 एक जनवरी 2021 से लागू होने के बाद से चीन से खिलौने का आयात रुक गया है, क्योंकि भारत में अब वही खिलौने बिकेंगे जो भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएएस) के मानक के अनुरूप होंगे। खिलौना विनिर्माता के लिए आईएसआई मार्क का इस्तेमाल करने के लिए बीआईएस से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अग्रवाल ने बताया कि इसी कारण चीन से इस साल खिलौने का आयात नहीं हो रहा है, क्योंकि किसी भी चीनी कंपनी को अब तक बीआईएस का लाइसेंस नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि देश के बाजार में हालांकि अभी चीन से आयातित खिलौने मौजूद हैं, क्योंकि पिछले साल दिसंबर मेंकाफी खिलौनों का आयात हुआ।
अग्रवाल ने बताया कि आयात रुकने से लोकल इंडस्ट्री को फायदा मिला है और इस क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होने की उम्मीद जगी है, साथ ही देश में खिलौने की क्वालिटी में सुधार होने लगा है। उन्होंने कहा कि हमारी निगाहें अब खिलौने का निर्यात करने पर है।