पार्षदों का गुबार था सदन में हुआ हंगामा

- पेयजल संकट पर चर्चा चाहते थे पार्षद, हंगामे में समय व्यर्थ होने पर नाममात्र के प्रस्ताव पास
- आज दो बजे से होने वाली सदन की बैठक में होगी कल बचे पचास से ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा
जैसी कि आशंका थी, वही हुआ। नगर निगम का अधिवेशन हंगामे की भेंट चढ़ गया। जितना काम निपट जाना चाहिए था, नहीं निपट सका। लिहाजा आज दोपहर से फिर से सदन की बैठक होने जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि सदन की आज की बैठक शांति के साथ चलेगी।
हालांकि जन समस्याओं को लेकर आक्रोशित पार्षदों का गुबार अभी पूरी तरह निकला नहीं है। बीते कल हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष भाजपा और मुख्य विपक्षी दल बसपा के बीच पाले खिंचे नजर आए। शोरगुल की वजह बनी महानगर में पेयजल का संकट। गंदगी, सीवर उफान समेत अन्य समस्याओं को लेकर भी पार्षदों का आक्रोश सामने आया। हंगामे के बावजूद सदन में लगभग डेढ़ दर्जन प्रस्ताव पारित हो गए, जिनमें बाईंपुर, स्वामी (कैलाश मंदिर) और फतेहाबाद रोड के मायापुर गांव को नगर निगम सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव प्रमुख था। दूषित पेयजल वाली मलिन बस्तियों जगदीशपुरा, काजीपाड़ा और देवरी रोड में वाटर एटीएम लगाने के प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित हो गए।
मेयर नवीन जैन की व्यस्तता की वजह से एक घंटे देरी से शुरू हुए नगर निगम के अधिवेशन के प्रारंभ में ही हंगामा होने लगा। मेयर पिछले अधिवेशन के कार्यवृत्त की पुष्टि करा ही रहे थे कि बसपा के पार्षदों ने अपने क्षेत्रों में पेयजल संकट का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की। मेयर के बार-बार समझाने पर भी ये पार्षद नहीं माने और अपनी सीटों को छोड़कर मेयर की डायस के सामने जमीन पर धरने पर बैठकर शोरगुल करने लगे। शोरगुल इतना ज्यादा होने लगा कि कुछ भी सुनाई नहीं पड़ रहा था। सदन की कार्यवाही भी बाधित हो गई। बसपाई पार्षद नारे लगाने लगे। यह देख भाजपा के पार्षद भी सामने आ गए और बसपाइयों के विरोध में नारेबाजी करने लगे।

किसी प्रकार शांति होने के बाद सदन सुचारू चलना शुरू हुआ कि अचानकर मेयर ने अपना आसन छोड़कर भाजपा पार्षद दल के नेता मोहन सिंह लोधी का नाम लेकर कहा कि वे आसन ग्रहण कर सदन चलाएं। यह कहकर मेयर सदन से बाहर चले गए। सदन के वरिष्ठतम पार्षद शिरोमणि सिंह (कांग्रेस) ने मेयर की इस व्यवस्था का विरोध कर दिया। उनका कहना था कि सभापति की गैरमौजूदगी में उपसभापति को आसन पर होना चाहिए। उप सभापति भी न होने पर सर्वसम्मति से किसी पार्षद को यह दायित्व दिया जाना चाहिए। शिरोमणि सिंह ने विरोधस्वरूप सदन का बायकॉट कर दिया। उनके समर्थन में विपक्ष के कई पार्षद भी सदन से बाहर आ गए। उधर आसन पर बैठे मोहन सिंह लोधी हंगामे को नहीं रोक सके। इस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी। फिर से सदन शुरू होने पर मेयर ने आसन संभाला और सदन सुचारू रूप से चला।
विपक्ष के हंगामे के कारण सदन में बहुत ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा न हो सकी। 70 प्रस्तावों में से महज 18 ही पारित हो सके। प्रस्तावों पर चर्चा का समय ही नहीं मिल सका। एक तो सदन की बैठक तीन बजे से तय थी पर शुरू हुई एक घंटे बाद। इसके बाद भी बहुत सारा समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। अंधेरा होने के कारण मेयर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित करते हुए व्यवस्था दी कि मंगलवार को दो बजे से शेष प्रस्तावों पर चर्चा होगी।
ये प्रस्ताव हुए पास
- नगर निगम भवन निर्माण, पुननिर्माण अनुज्ञा/अनापत्ति उपविधि 2019 को मंजूरी।
- राधिका अग्रवाल के प्रस्ताव पर छीपीटोला चौराहे का नामकरण भगवान महावीर के नाम पर महावीर चौक रखने का प्रस्ताव पास किया गया।
- पार्षद राजेश प्रजापति के प्रस्ताव पर माथुर वैश्य भवन रोड का नाम पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ के नाम पर।
- पार्षद धर्मवीर सिंह के प्रस्ताव पर शास्त्रीपुरम में रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा लगाई जाएगी।
- जगदीश पचौरी के शहीद नगर में जननायक कपूरी ठाकुर की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी।
- आवास विकास मेयर कैंप कार्यालय के पास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के प्रस्ताव को मंजूरी।
- दृष्टिबाधित विद्यालय के लिए कालिंदी विहार में निगम की भूमि के आवंटन संबंधी जितेंद्र सिंह के प्रस्ताव को मंजूरी।
- पार्षद जगदीश पचौरी ने इंद्रापुरम के पार्क में महर्षि परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव वापस लिया।
- सुषमा जैन के प्रस्ताव पर आवास विकास कॉलोनी में प्रेमा हलवाई से कैला देवी पत्थर हाल तक मार्ग का नाम साहित्यकार सुरेश सारंग के नाम पर करने को मंजूरी।