जीएसटी ने बढ़ा दीं छोटे कारोबारियों की मुश्किलें

- सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, छोटे कारोबारियों को भी रखना होगा पूरा हिसाब
- 1.5 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को चार डिजिट का एचएसएन कोड दर्शाना होगा
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने को लेकर छोटे कारोबारियों को भी अब ठीक से हिसाब-किताब रखना होगा। 1.5 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को भी नए फाइनेंशियल ईयर से चार डिजिट के एचएसएन कोड की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। अब तक यह स्वैच्छिक था, लेकिन अब आवश्यक हो गया है।
जीएसटी अधिकारियों की मानें तो एचएसएन कोड बिजनेस टू बिजनेस यानि बीटूबी सप्लाइज के लिए अनिवार्य है, जबकि बीटूसी सप्लाइज के लिए ऑप्शनल है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि इस कदम से छोटे व्यापारियों को भी स्टॉक की पूरी डिटेल इलेक्ट्रॉनिकली रखनी होगी। इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी। जानकारों की मानें तो 1.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जहां दो डिजिट का एचएसएन कोड दिखाना होता था वहीं नए फाइनेंशियल ईयर से चार डिजिट का एचएसएन कोड दिखाना होगा।
इसी तरह पांच करोड़ से ज्यादा टर्नओवर पर चार की जगह छह डिजिट का एचएसएन कोड दर्शाना होगा। निर्यातकों को पहले की तरह ही आठ डिजिट का एचएसएन कोड दिखाना होगा। कर अधिवक्ता गगन बघेल ने बताया कि नई व्यवस्था में छोटे कारोबारियों को भी विशेष रूप से अपना स्टॉक मेंटेन करना होगा, जो कि मैनुअली संभव नहीं है। अभी तक 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले कारोबारियों को इससे छूट थी। उनके लिए यह कोड अनिवार्य न होकर स्वैच्छिक था। वरिष्ठ कर अधिवक्ता अनिल आदर्श जैन ने बताया कि नए फाइनेंशियल ईयर में यानि एक अप्रैल से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। 1.5 करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारी भी बीटूबी सप्लाइज में एचएसएन कोड रखेंगे।