बीजेपी में कितने क्रिमिनल?

- सत्ता पक्ष की छवि पर अभी कितने और दाग लगने बाकी
- पेपर लीक, बैंक डकैती, सेक्स रैकेट और नकली दवाओं समेत कई अन्य गंभीर अपराधों में सामने आ चुके हैं भाजपा नेताओं के नाम
सत्ता की चमक-दमक में भाजपा में तमाम ऐसे लोग प्रवेश कर गये हैं, जो संगठन के चाल और चरित्र पर लगातार धब्बे लगा रहे हैं। इसके बावजूद ये लोग बड़े नेताओं की छत्रछाया में फल-फूल रहे हैं। पकड़े जाने पर पार्टी के कर्ताधर्ता तत्काल इनसे पल्ला झाड़ने की बात कह कर इतिश्री कर लेते हैं। प्रदेश में इस तरह के एक नहीं तमाम लोग पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं। इनमें विधायक तक भी शामिल हैं। पार्टी ने अब इनसे भले ही दूरी बना ली हो, पर ऐसे लोगों का आज भी संगठन में बर्चस्व है। यह लोग पार्टी के नेताओं के लिए धन और बल दोनों ही मुहैया कराने से पीछे नहीं हटते, इसलिए ये उनके प्रिय बने रहते हैं। आगरा भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी तमाम अपराधी मानसिकता के लोग भाजपा का दामन थामे हुए हैं और नेताओं के प्रिय बने हुए हैं।
मंगलवार को सीटैट पेपर लीक कांड में पकड़ा गया सहारा गांव का निवासी थान सिंह सोलंकी भी इन्हीं में से एक है। वह पिछले कई सालों से एक पूर्व सांसद की छत्रछाया में फलफूल रहा था। थान सिंह न केवल पूर्व जनप्रतिनिधि बल्कि उनके परिवार के सदस्यों का भी लाड़ला बना हुआ था। उनके पास पहुंचने वाले फरियादियों के संबंध में वह खुद ही अधिकारियों से बात करता था। जरूरत पड़ने पर ही वह पूर्व जनप्रतिनिधि की अधिकारियों से बात कराता था। अधिकारियों के बीच भी इसने अच्छी पैठ बना रखी थी। वह वर्तमान में भाजपा की जिला टीम में सह मीडिया प्रभारी भी है। हालांकि इस मामले में जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह अब उससे पल्ला झाड़ रहे हैं। उनका कहना है कि यह पद औपचारिक पद नहीं है। कार्य विशेष को देखते हुए कार्यकर्ताओं को कुछ दायित्व दिए जाते हैं। इसी कड़ी में थान सिंह को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यदि पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है तो वह जांच करेगी और गुण-दोष के आधार पर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेगी। इससे पहले बैंक डकैती कांड में भी एक भाजपा कार्यकर्ता ठाकुरदास का नाम आया था। वह भी भाजपा के एक जनप्रतिनिधि का करीबी रहा था। इतना ही नहीं वह पूर्व में अनुसूचित जाति मोर्चा में पदाधिकारी भी रहा था।

हालांकि बाद में उसे निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण संगठन से निष्कासित कर दिया गया था पर उसकी आस्था पार्टी में बनी रही थी और वह संगठन के कार्यक्रमों में भी शिरकत करता रहता था। एक अन्य मामले में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष का नाम भी सुर्खियों में रहा। इनके फार्म हाउस से सैक्स रैकेट में शामिल युवक-युवतियां पकड़ी गई थीं। हालांकि इस मामले से इनका सीधा संबंध नहीं था। उन्होंने फार्म हाउस एक व्यक्ति को किराए पर दे रखा था, जो इस खेल को खेल रहा था। पर उस दरम्यान इस पूर्व जिलाध्यक्ष पर विरोधियों ने कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। हाल ही में कमलानगर में नकली दवा कारोबार के मामले में महानगर टीम की एक महिला पदाधिकारी के पति को पुलिस जेल भेज चुकी है। इस महिला नेत्री ने नकली दवा के कारोबारी को अपना गोदाम किराए पर दे रखा था। पुलिस के अनुसार उनका पति भी इस कारोबार में संलिप्त था। इससे पूर्व वाहन चोरी के मामले में एक भाजपा नेता को वायु विहार (पथौली) से गिरफ्तार किया था। यह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़ा हुआ था। पुलिस का कहना था कि पकड़ा गया आरोपी गैंग बनाकर वाहनों की चोरी करता था। इन मामलों से साफ हो जाता है कि भाजपा के अंदर तमाम अपराधी किस्म और अनैतिक काम में संलिप्त लोग सक्रिय हैं, जो सत्ता की आड़ में लगातार खेल खेल रहे हैं। इनमें से तमाम ऐसे भी होंगे, जो अभी पुलिस के रडार पर नहीं आ पाए हैं।