जमीन सरकारी है तो पीएम आवास योजना का लाभ कैसे दे दिया गया?

नहर विभाग की संपत्ति पर कब्जा कर लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि लेकर प्रधानमंत्री आवासों का भी निर्माण करा लिया है। यह राशि उन लोगों को दी जा रही है, जिनके पास अपनी जमीन है पर उस पर निर्माण के लिए पैसा नहीं है। साफ है कि संबंधित विभाग ने स्वीकृति देने के साथ ही जमीन के स्वामित्व पर मुहर लगा दी है। अब इन आवासों को तोड़कर कब्जा लेना सिंचाई विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगा। इतना ही नहीं, सैकड़ों लोगों ने मौजा घटवासन में स्थित नहर की जमीन पर कब्जा कर दो मंजिला मकान तक बना लिए हैं। साथ ही दुकान, कार्मिशियल कॉम्पलेक्स, धर्मशाला आदि बना लिए हैं। इनको खाली कराकर कब्जा लेना इतना आसान नहीं होगा। कुछ मामले न्यायालय में भी विचाराधीन हैं।
जॉन्स मिल संपत्ति की जांच में सिंचाई, नगर निगम और नजूल की भूमि पर कब्जे का खुलासा होने के बाद नगर निगम और सिंचाई विभाग ने जैसे ही अपनी जमीन की तलाश के लिए सर्वे किया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने नगर निगम, सिंचाई और राजस्व विभाग को जमीन का सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा था। उनके आदेश के बाद मौजा घटवासन व लश्कपुर के अंतर्गत आने वाली नहर विभाग की भूमि पर किए गये अवैध कब्जों का संयुक्त सर्वे नहर, नगर निगम व तहसील सदर की टीम द्वारा किया गया। सर्वे में मौजा घटवासन में 512 तथा मौजा लश्करपुर में 15 कुल 527 अवैध कब्जे मिले हैं। सर्वे के दौरान संयुक्त टीम को सर्वाधिक चौंकाया प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने पक्के मकानों ने। महाराणा प्रताप नगर न्यू आबादी में करीब दो दर्जन आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के बने हुए हैं। साफ है कि इन लोगों ने जमीन पर अपना स्वामित्व दर्शाते हुए ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए धनराशि मांगी होगी। विभाग ने भी इन लोगों का स्वामित्व मानकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि स्वीकृत कर उनके पक्के मकान का सपना साकार करा दिया।
सर्वे में इस तथ्य के खुलासे के बाद अधिकारी भी हतप्रभ हैं। महाराणा प्रताप नगर में मुन्नी देवी पत्नी रामजीलाल, मोतिया की बगीची में विनोद सहित एक अन्य, महाराणा प्रताप नगर में पार्वती देवी पत्नी पप्पू, मीरा पत्नी सतीश, दयावती पत्नी हरेंद्र सिंह, पार्वती पत्नी विजय सिंह, शांति देवी पत्नी जयंती, कमलेश पत्नी गुलाब सिंह, अमित पुत्र विनोद, मुन्नी देवी पत्नी मंगराराम, आरती पत्नी वीरेंद्र, राजेंद्र पुत्र तेज सिंह, राकेश पुत्र तेज सिंह, सुविधा रावत पत्नी ह्रदेश राघव, सुशीला देवी पत्नी सुखराम, चंदा देवी पत्नी ओमप्रकाश, नगला धनी न्यू आबादी में बिजली पत्नी सुरेश, गुड्डी पत्नी पप्पू, महाराणा प्रताप नगर में नरेश पुत्र मुकेश, रेनू चंचल पत्नी विचित्र चंचल, राजरानी पत्नी भगवान दास, बैजन्ती देवी पत्नी रेवती, जीतू पुत्र मंगल आदि के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बने हुए हैं।
जॉन्स मिल एरिया में जिस जमीन को प्रशासन सरकारी बता रहा, उसमें बड़ी संख्या में हैं पीएम आवास योजना से लाभ लेने वाले मकान
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार की तरफ से भी गरीबों के आवास बनाकर दिए जाते हैं। इस काम को डूडा के सहयोग से आगरा विकास प्राधिकरण सहित अन्य निर्माण कार्य में लगे विभाग करते हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन गरीब लोगों को भी आवास बनाने के लिए धनराशि दी जाती है, जिनके पास अपनी जमीन है। आगरा में भी कई लोगों को इस योजना के तहत मकान बनाने के लिए धनराशि दी गई है। कब्जे वाली जमीन पर इस योजना के तहत धनराशि देने का मामला प्रकाश में आने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों पर अंगुली उठना लाजिमी है। सवाल यह है कि नहर विभाग की जमीन को कैसे इन लोगों ने अपने स्वामित्व में दर्शाया होगा। यह भी जांच का विषय हो सकता है।
इनके अलावा भी नहर विभाग की जमीन पर बस्ती की बस्ती बस गई हैं। इन पर लोगों ने पक्के दो-दो मंजिला मकान बना लिए हैं। कुछ लोगों ने व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रखी हैं। रिपोर्ट में इन सब के बारे में विस्तार से लिखा गया है। संयुक्त सर्वे की यह रिपोर्ट अपर नगर आयुक्त ने नवंबर में ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन निधि श्रीवास्तव को सौंप दी है।
