भारतीय बेटी ने मंगल पर फहरा दिया झंडा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान उतारकर इतिहास रच दिया है। नासा ने ये बड़ी कामयाबी भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन की अगुवाई में हासिल की है। ये यान मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशेगा। दरअसल, अमेरिकी स्पेस एजेंसी का पर्जिवरेंस रोवर धरती से टेकऑफ करने के सात महीने बाद आज तड़के (भारतीय समयानुसार 2.30 बजे के करीब) सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड कर गया। इस काम में मार्स रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा काम होता है और इसे अंजाम दिया स्वाति मोहन ने।
इस अंतरिक्ष यान ने मंगल की पहली तस्वीर भी नासा को भेजी है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने पुष्टि की है कि मार्स 2020 पर्जिवरेंस मिशन सही तरीके से 18 फरवरी को लगभग दोपहर 3.55 बजे (अमेरिकी समय के अनुसार) जेजेरो क्रेटर पर पहुंच गया है। पर्जिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है। अतीत में किए गए ऐसे प्रयासों में बमुश्किल आधे प्रयास ही सफल हुए हैं। छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा, जिनसे कई सवालों के जवाब मिलेंगे। मसलन क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था?
एक साल की उम्र में ही यूएस पहुंची थीं स्वाति
करीने से क्लिप में बंधे हुए बाल, हर पल कोई नया निर्देश देने के लिए नाचती हुईं उंगलियां। स्क्रीन पर टकटकी लगाए फैलती-सिकुड़ती आंखें। इनके तनने-फैलने से माथे पर उभरने वाली शिकन के ठीक बीच एक छोटी सी बिंदी। जहां से यह नजारा दिख रहा था, वह नासा के ऑफिशियल कंट्रोल रूम का था और यह सारी बातें उस महिला के लिए लिखी गई हैं, जिसने एक बार फिर भारतीयता का परचम अंतरिक्ष में लहरा दिया है। वह महिला हैं स्वाति मोहन, जो सिर्फ एक वर्ष की थीं, तभी अमेरिका पहुंची थीं।
