एलआईसी का आईपीओ अगले वित्त वर्ष में संभव

आर्थिक मामलों से जुड़े विभाग के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अगले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आ सकता है। सरकार ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए जीवन बीमा निगम कानून 1956 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट के साथ सदन के पटल पर रखे गये वित्त विधेयक के जरिये 27 संशोधन प्रस्तावित किए हैं।
बजाज ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की संभवत: तीसरी या चौथी तिमाही में आईपीओ आ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी मूल्यांकन सामने आता है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में एलआईसी का आईपीओ लाने की घोषणा की। फिलहाल सरकार की एलआईसी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लगभग आठ से 10 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के अनुमान के साथ इसके सूचीबद्ध होने पर बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह संभवत: देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) पहले ही एलआईसी का मूल्यांकन करने के लिए मिलीमैन एडवाइजर्स का चयन कर चुका है। जबकि डेलॉयट और एसबीआई कैप को प्री-आईपीओ सौदा सलाहकर नियुक्त किया गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि एलआईसी के प्रस्तावित आईपीओ से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी की जवाबदेही और पारदर्शिता बेहतर होगी। कंपनी में प्रोफेशनल आएंगे जो बेहतर ढंग से कंपनी को चलाएंगे। उसके रियल एस्टेट एसेट्स का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। एलआईसी के आईपीओ से पूरे बीमा उद्योग को फायदा होगा।