मेट्रो की तीसरी पटरी भी बनेगी

- तीसरी पटरी से मेट्रो के संचालन के लिए पॉवर की होगी सप्लाई
- टिकट के लिए टोकन नहीं स्मार्टकार्ड व क्यूआर कोड का प्रयोग
कानपुर और आगरा मेट्रो में पहली बार 750 वोल्ट डीसी ट्रैक्शन वायर का उपयोग किया जाएगा। इसकी वजह से मेट्रो ट्रेन की दो पटरियों के बगल में एक तीसरी पटरी लगाई जाएगी, जिसके जरिए ट्रेन को पॉवर की सप्लाई होगी। आगरा मेट्रो में ओवरहेड वायर नहीं दिखेंगे। पटरियों के ऊपर बिजली के तार न होने के चलते आगरा मेट्रो की छत लखनऊ मेट्रो की तुलना में कम होगी। इस तकनीक के प्रयोग से निर्माण लागत भी कम आएगी। निर्माण के दौरान यातायात के सुगमतापूर्वक संचालन के लिए आई गर्डर तकनीकी का उपयोग किया जाएगा। आई गर्डर को आपस में जोड़कर ही पटरियां बिछाई जाएंगी।
यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव आगरा मेट्रो में नये प्रयोग भी कर रहे हैं। यहां पर टिकट के लिए टोकन व्यवस्था नहीं होगी। यहां पर स्मार्ट कार्ड और क्यूआर कोड के जरिए ही यात्रा करने की तकनीकी का प्रावधान किया जाएगा। आगरा मेट्रो के निर्माण में लखनऊ की तरह ओवरहेड वायर के प्रावधान को समाप्त किया जा रहा है। लखनऊ में 25 किलो वोल्ट के ट्रैक्शन वायर यानि बिजली के तारों के जरिए मेट्रो रेल को चलाया जा रहा है। आगरा में इस प्रावधान को उपयोग में नहीं लाया जाएगा।
ताज पूर्वी गेट मेट्रो स्टेशन के लिए पाइलिंग करती मशीन।
बारिश की बूंद का भी उपयोग
आगरा मेट्रो परियोजना में मेट्रो ट्रैक व स्टेशन पर बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा। बरसात के पानी का उपयोग ट्रैक की धुलाई व अन्य कार्यों में किया जाएगा। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रैक का पूरा पानी स्टेशनों पर लगे पाइप से नीचे आएगा। स्टेशनों के समीप टैंक में पानी एकत्रित होगा। स्टेशनों के पास और मेट्रो के पिलर पर हरियाली विकसित की जाएगी, ताकि इसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ जाए।
पुरानी मंडी चौक पर बनेगा कंट्रोल रूम
पीएसी मैदान पर बनाए जा रहे मेट्रो के मुख्य यार्ड का मुख्य द्वार पुरानी मंडी चौक की तरफ होगा। यहीं पर कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा। साथ ही पीएसी के अंदर पहले से बने हैलीपेड स्थल के बराबर वर्कशॉप और वाशिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए खुदाई कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 112 करोड़ की लागत से बनने वाले मुख्य यार्ड का कार्य 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्पोरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि कंट्रोल रूम 2,500 वर्ग मीटर में स्थापित होगा। गेट से मैदान के चारों तरफ 900 मीटर लंबा टेस्ंिटग ट्रैक बनाने के लिए सीमांकन प्रारंभ कर दिया गया है। मैदान में हैलीपेड के बराबर वर्कशॉप बनाई जा रही है और इसके बराबर से स्वचालित वाशिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है।
अग्रसेन चौराहा तक बेरीकेडिंग
मेट्रो निर्माण कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यूपीएमआरसी ने टीडीआई मॉल से लेकर अग्रसेन चौराहा तक बेरीकेडिंग का काम पूरा कर लिया है। इस दूरी के बीच तीन मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। कार्पोरेशन ने दूसरे स्टेशन बसई के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। बसई मेट्रो स्टेशन होटल क्रिस्टल सरोवर के सामने बनेगा। इधर यार्ड के निर्माण स्थल पीएसी मैदान पर बेरीकेडिंग का काम लगभग पूरा होने वाला है। साथ ही पुरानी मंडी चौक से सर्किट हाउस तक भी बेरीकेडिंग कर दी गई है।

नेत्रहीनों के लिए सुविधा
मेट्रो से सफर करने वाले नेत्रहीनों (सूरदास) के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। इनके लिए स्टेशन, प्लेटफार्म, निकासी व प्रवेश द्वार पर खास तरह की सीढियों का निर्माण कराया जाएगा। फर्श पर भी विशेष तरह के टाइल्स लगाए जाएंगे, ताकि वे आसानी से रास्ता खोज सकें। इसके अलावा वहां पर ऑडियो सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे लगातार उन्हें सूचनाएं दी जा सकेंगी। स्टेशन पर ब्रेनलिपि बोर्ड की सुविधा का प्रावधान किया जाएगा।