बोलीं- मां का हुआ था कई बार शारीरिक शोषण

- मिस इंडिया प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रही यूपी के रिक्शाचालक की बेटी मान्या
- बचपन में दूसरों के घरों में बर्तन भी साफ किए मान्या ने, गरीबी के कारण अक्सर भूखे ही रह जाना पड़ता था
तेलंगाना गर्ल मानसा वाराणसी ने मिस इंडिया 2020 का खिताब अपने नाम किया है, तो वहीं इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की मान्या सिंह और हरियाणा की मनिका शियोकांड फर्स्ट और सेकेंड रनर अप रहीं। यह प्रतियोगिता 10 फरवरी को मुंबई में संपन्न हुईं। अब मानसा वाराणसी जहां मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी, वहीं मान्या सिंह मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहने वाली यूपी की मान्या सिंह ने जिस तरह से लोगों के सामने परफॉर्म किया, उससे कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है कि यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितना और कैसा संघर्ष किया है। दरअसल मान्या सिंह यूपी के एक छोटे से शहर गोरखपुर के रिक्शाचालक ओम प्रकाश सिंह की बेटी हैं। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में मान्या ने अपनी जिंदगी के कड़वे सच के बारे में लोगों को बताया था।
मान्या सिंह ने कहा कि यहां तक पहुंचना ही एक ख्वाब के पूरे होने जैसा है, उनके पापा रिक्शा चालक हैं और उनकी मां घरों में साफ-सफाई का काम किया करती थीं। उनका बचपन दूसरों के दिए कपड़े, किताबें और खिलौनों पर ही बीता है। यहां तक कि उनकी मां को की बार शारीरिक शोषण का भी शिकार होना पड़ा। उन्होंने काफी कुछ सहा है। उनका मानसिक शोषण तो होता ही रहता था। मां-पापा दोनों ने अपने जेवर बेचकर मुझे पढ़ाया है तो वहीं उन्होंने कई रातें बिना खाए गुजारी हैं। मान्या ने ये भी कहा था कि जब वह 14 साल की थीं तो घर से भाग गई थीं। उन्हें लगता था कि बाहर निकल कर वह घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कुछ कर सकेंगी। लेकिन उन्हें समझ आ गया कि परिवार बिना वह अधूरी हैं। फिर वह घर लौट आई थीं।
उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस किया। अपने पुराने दिनों को याद करते हुए मान्या ने भावुक होते हुए बताया था कि घर की माली हालत सुधारने के लिए उन्होंने काफी कम उम्र में ही नौकरी करनी शुरू कर दी थी। उन्होंने भी घरों में बर्तन साफ किए हैं तो वहीं वो कई बार ट्रेनों के वॉशरूम में रेडी होती थीं और रात में कॉल सेंटर्स में काम करती थीं। मान्या ने बताया कि आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों और मां-बाप के प्रोत्साहन ने ही उन्हें आगे बढ़ने, सपने देखने के लिए प्रेरित किया। आज यहां जब मैं पहुंची हूं तो लगता है कि जैसे मैंने अपने सपने को सही साबित कर दिया है। मैं शुक्रगुजार हूं ऊपरवाले और अपने परिवार की, जिनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है। मान्या ने अपने पिता, मां और भाई की स्थिति ठीक करने के लिए बहुत कुछ किया है। मान्या ने कहा कि अगर आप कुछ करने की ठान लें और उसके लिए दिन-रात सोचें और शिद्दत से उसके लिए मेहनत करें, तो आप हर चीज हासिल कर सकते हैं।
