नासा फिर से मंगल के लिए तैयार

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के कई यान मंगल पर लैंड हुए हैं। अब एक बार फिर एजेंसी तैयार है लेकिन इतिहास में ऐसे कई मौके रहे हैं, जब नासा को कोशिश में असफलता देखनी पड़ी है। ऐसे में उसकी कोशिश रहेगी कि 18 फरवरी को जेजेरो क्रेटर पर होने वाली लैंडिंग को परफेक्शन के साथ किया जाए।
परजिवरेंस रोवर को लैंड करने के लिए जेजेरो क्रेटर सबसे सही जगह है और वहां एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं। मिशन का मकसद है कि मंगल पर कभी रहे जीवन के निशान को खोजा जा सके और धरती पर सैंपल लाए जाए सकें। जेजेरो एक सूखी हुई प्राचीन झील का तल है। एजेंसी के मुताबिक मंगल पर यह सबसे पुराना और सबसे रोचक स्थान है।
18 फरवरी को जेजेरो क्रेटर पर होने वाली है लैंडिंग
जितनी उम्मीद यहां सैंपल मिलने की है, उतना ही मुश्किल है यहां लैंड करना। नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के प्रिंसिपल रोबॉटिक्स सिस्टम्स इंजिनियर ऐंड्र जॉनसन के मुताबिक जेजरो 28 मील चौड़ा है लेकिन इसके बीच पगाड़, चट्टानी मैदान, रेत के पहाड़ और गड्ढे की दीवारें भी हैं। अगर इनमें से किसी से भी लैंडर टकराया तो पूरा मिशन फेल हो सकता है। नासा ऐस्ट्रोबायॉलजी से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब खोजेगा जिनमें से सबसे बड़ा सवाल है- क्या मंगल पर जीवन संभव है? यह मिशन न सिर्फ मंगल पर ऐसी जगहों की तलाश करेगा जहां पहले कभी जीवन रहा हो बल्कि अभी वहां मौजूद माइक्रोबियल जीवन के संकेत भी खोजेगा।
भविष्य में वहां जाने वाले मिशन इन सैंपल्स को धरती पर वापस लेकर आएंगे। दरअसल, इन सैंपल्स को स्टडी करने के लिए वैज्ञानिकों को बड़े लैब की जरूरत होगी जिसे मंगल पर ले जाना संभव नहीं है।इसके अलावा मिशन ऐसी जानकारियां इकट्ठा करने और टेक्नॉलजी टेस्ट करने का मौका मिलेगा जिनसे आने वाले समय में मंगल पर इंसानों को भेजने की चुनौतियों को आसान करने में मदद मिलेगी।