किसान नेताओं से घरों पर ही ज्ञापन लेंगे अधिकारी

दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे बैठे किसानों की संयुक्त समिति की ओर से आज देशभर में तीन घंटे के लिए चक्का जाम का आह्वान किया गया है पर इस कार्यक्रम से भाकियू ने अपने को अलग कर लिया है। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसकी घोषणा गत दिवस ही कर दी थी। इसके बाद ही आगरा में चक्का जाम की तैयारियों में जुटे किसान नेताओं ने रणनीति बदल कर कलक्ट्रेट व तहसीलों में पहुंचकर अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन देने की घोषणा कर दी। किसानों के कलक्ट्रेट व तहसील में पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देने की घोषणा के मद्देनजर अधिकारियों ने रणनीति बनाई है कि अधिकारियों को इन किसान नेताओं के आवास पर ही ज्ञापन लेने के लिए भेजा जाएगा। दोपहर 12 बजे अधिकारी प्रमुख किसान नेताओं से ज्ञापन लेने पहुंचेंगे। तहसील और कलक्ट्रेट में किसी भी किसान को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
अधिवक्ताओं का कार्य वहिष्कार
किसान आंदोलन के समर्थन में आज दीवानी और कलक्ट्रेट के अधिवक्ता भी हड़ताल पर हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया था। कलक्ट्रेट बार संघर्ष समिति के संयोजक आईए लाहौरिया ने बताया कि आज कलक्ट्रेट में कोई भी अधिवक्ता काम नहीं कर रहा है। इसी तरह दीवानी में विभिन्न बार एसोसिएशनों के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का वहिष्कार कर रखा है। गत दिवस हुई बैठक में अधिवक्ताओं ने तीनों कृषि बिल वापसी और एमएसपी पर नया कानून लाने की मांग की। कार्य वहिष्कार से पहले दीवानी में वकीलों ने किसानों के समर्थन में प्रभात फेरी भी निकाली। उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक केडी शर्मा, अरुण सोलंकी, सुरेंद्र लाखन, दुर्ग विजय सिंह भैया, केसी शर्मा, भारत सिंह, नासिर वारसी, केपी सिंह चौहान, रमेश दीक्षित आदि प्रभात फेरी में शामिल हुए।
मिढ़ाकुर में हुई महापंचायत
मिढ़ाकुर में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया। इसमें कृषि बिलों के वापस लिए जाने तक आंदोलन चलाए जाने का निर्णय लिया गया। हालांकि पंचायत के दौरान ही राकेश टिकैत का फोन आ जाने पर आज चक्का जाम का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। पंचायत में आम आदमी पार्टी के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष बनैसिंह पहलवान ने बताया है कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों की जमीन छीनकर उन्हें दाने दाने के लिए मोहताज कर देना चाहती है। भारतीय किसान मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह ने कहा कि यह किसानों के हक की लड़ाई है। पंचायत की अध्यक्षता हरेन्द्र सिंह चाहर व संचालन अवधेश सोलंकी ने किया। पंचायत में गजेन्द्र सिंह परिहार,राजवीर लवानियां, राजेश शर्मा, घनश्याम सिंह, रामप्रकाश सोलंकी, थानसिंह, चंदन सिंह, गजेन्द्र बाबा, रवि चौधरी, रमन सिंह आदि शामिल थे। इधर सौनिगा में भी किसान पंचायत हुई। इसमें भी आंदोलन को जारी रखने और केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय कार्यक्रमों को आगरा में करने का फैसला लिया गया। यहां पर किसानों ने आज अधिकारियों को ज्ञापन देने की योजना बनाई।