राजनाथ की मदद से प्रियंका गईं प्रयागराज

मौनी अमावस्या के दिन कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रयागराज यात्रा के खूब चर्चे हो रहे हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रियंका गांधी ने प्रयागराज के माघ मेले में संगम पर आस्था की डुबकी लगाई थी। साथ ही शंकराचार्य के आश्रम जाकर उनसे आशीर्वाद भी लिया था। यात्रा को निजी बताकर प्रियंका गांधी यहां तकरीबन पूरे वक्त चुप्पी साधे रहीं, लेकिन मौन रहकर भी वह यूपी की सियासत में शोर मचाते हुए बड़ा सियासी संदेश देने में जरूर कामयाब रहीं। प्रियंका की इस आस्था यात्रा की कामयाबी के बाद कांग्रेस के नेताओं और रणनीतिकारों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है, लेकिन लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि प्रियंका के इस दौरे को कामयाब करने में सबसे अहम रोल बीजेपी के एक कद्दावर नेता और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का था।
राजनाथ सिंह यदि मदद नहीं करते तो प्रियंका वाड्रा की यह यात्रा अधूरी रह जाती। मौनी अमावास्या के दिन प्रयागराज की आस्था यात्रा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का खास फोकस दो आयोजनों पर था। पहला उन्हें बेटी मिराया के साथ संगम जाकर वहां आस्था की डुबकी लगाते हुए पूजा-अर्चना करनी थी। वहीं दूसरा द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना था। मौनी अमावस्या की वजह से माघ मेला क्षेत्र और आसपास ही नहीं बल्कि पूरे प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रियंका का संगम पहुंच पाना मुश्किल लग रहा था। सबसे बड़ी समस्या शंकराचार्य आश्रम के आश्रम तक जाने की थी। दरअसल, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का प्रयागराज में मनकामेश्वर मंदिर कैम्पस में जो आश्रम है, वह कैंटोनमेंट एरिया में आता है। यहां तक पहुंचने का तकरीबन एक किलोमीटर का यह रास्ता सेना के कब्जे में रहता है। यहां आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी रहती है।
कांग्रेस नेताओं ने इस बारे में प्रयागराज के सरकारी अमले से मदद मांगी तो उसने सेना का मामला बताकर अपने हाथ खड़े कर दिए। स्थानीय अफसर तो मौनी अमावस्या के दिन दौरे को मंजूरी देने तक के पक्ष में नहीं थे। ऐसे में प्रियंका को बिना प्रोटोकॉल के सिर्फ सामान्य सुरक्षा के बीच ही आने की इजाजत दी गई थी। शंकराचार्य आश्रम तक जाने का कोई रास्ता नहीं निकलने पर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इस मामले में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क कर उनसे मदद की गुहार लगाई। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यसभा के पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने इस मामले में राजनाथ सिंह से निजी रिश्तों की दुहाई देते हुए उनसे मदद की अपील की। इसके बाद राजनाथ सिंह ने न सिर्फ प्रयागराज जाने में प्रियंका गांधी की मदद की बल्कि उन्होंने सेना के अफसरों को प्रियंका को शंकराचार्य आश्रम तक जाने की इजाजत दिए जाने को कहा। इसके बाद प्रियंका के साथ 40-50 वाहनों का काफिला भी वहां तक जा सका। दिग्विजय सिंह और प्रमोद तिवारी इस दौरान लगातार राजनाथ सिंह के पीए कुंदन कुमार के संपर्क में रहे। रक्षामंत्री ने सियासी शिष्टाचार का पालन करते हुए सिर्फ इतनी ही दरियादिली नहीं दिखाई, बल्कि अगले दिन सुबह संसद जाने से पहले ही उन्होंने खुद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को फोन कर व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। इस मदद के लिए प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह ने राजनाथ सिंह को शुक्रिया भी बोला।