डायबिटिक हैं तो स्मार्ट फोन बढ़ा देगा शुगर

- शुगर के रोगियों के लिए अधिक समय मोबाइल पर बिताना नुकसानदायक
- कहीं और नहीं, आगरा के मेडिकल कॉलेज में ही हुआ है इस पर अध्ययन
डायबिटीज (टाइप टू) के रोगियों के लिए मोबाइल फोन का अत्यधिक प्रयोग उनके शुगर का लेबल बढ़ा सकता है अथवा अनियंत्रित कर सकता है। हो सकता है पढ़ने में यह बात आपको अजीब लगे। पर यह सही है। एसएन मेडिकल कॉलेज में अभी हाल में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के जो रोगी स्मार्ट फोन की स्क्रीन देखने में अधिक समय व्यतीत करते हंै तथा ज्यादा फोन कॉल रिसीव करते हैं अथवा कॉल करते हैं। उनके ब्लड में शुगर का लेबल बढ़ जाता है अथवा अनियंत्रित रहता है।
सभी जानते हैं कि स्मार्ट फोन ने लोगों की लाइफ स्टाइल को बदल दिया है। आज फोन दिन प्रतिदिन किए जाने वाले कामों के लिए भी जरूरी है, लेकिन एक निश्चित सीमा से अधिक प्रयोग करने पर यह शारीरिक तथा मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के डॉ. आशीष गौतम, डॉ. प्रभात कुमार अग्रवाल तथा डॉ. निखिल पुरसनानी द्वारा नियंत्रित तथा अनियंत्रित डायबिटीज वाले मरीजों पर स्मार्ट फोन के प्रयोग से होने वाले नुकसानों का अध्ययन किया गया। यह अध्ययन जर्नल आॅफ एसोसिएशन आॅफ फिजिशियन में भी प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के लिए चिकित्सकों ने शुगर के दो तरह के रोगियों को चुना। पचास ऐसे लोग थे, जिनकी डायबिटीज नियंत्रित रहती थी तथा पचास इस प्रकार के लोग थे जिनका शुगर का लेबल अनियंत्रित रहता था। अध्ययन के लिए सभी 100 रोगियों के मोबाइल में रिअलाइज डी नामक एक मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल कर दी गई। यह एप्लीकेशन बताता है कि व्यक्ति ने कितना समय मोबाइल की स्क्रीन किसी भी कारण से देखने में लगाया, साथ ही कितनी बार उसने फोन कॉल की अथवा रिसीव की। इस एप्लीकेशन से यह भी पता चल जाता है कि किस कॉल पर सबसे अधिक समय उन्होंने लगाया। इन सभी लोगों के रक्त की जांच में शुगर का लेबल जांचा गया तथा तीन माह में शुगर लेबल के उतार-चढ़ाव को बताने वाला एचबीए1सी टेस्ट भी किया गया।
तीन माह बाद दोबारा से शुगर का लेबल तथा एचबीए1सी टेस्ट किया गया। तीन माह बाद इन मरीजों द्वारा मोबाइल पर बिताए गए समय का डाटा लिया गया। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की डायबटीज नियंत्रित रहती थी, वे 85 से लेकर 129 मिनट प्रतिदिन मोबाइल का प्रयोग करते थे। जिन लोगों की डायबिटीज अनियंत्रित रहती थी, वे 110 से लेकर 210.9 मिनट तक मोबाइल का प्रयोग प्रतिदिन करते थे। जो लोग मोबाइल का प्रयोग अधिक करते थे, उनके एचबीए1सी टेस्ट की रीडिंग काफी बढ़ी हुई थी। जिन लोगों की शुगर अनियंत्रित थी वे औसतन 50 से 90 बार प्रतिदिन फोन का प्रयोग कॉल करने अथवा रिसीव करने के लिए करते थे। जबकि नियंत्रित शुगर वाले लोग 35 से 79 बार अपना फोन उठाते थे। अनियंत्रित शुगर लेबल वाले लोग सुबह पांच से रात नौ बजे तक के समय का 37.9 प्रतिशत फोन पर व्यतीत करते थे जबकि नियंत्रित शुगर वालों का यह प्रतिशत कुल 19.9 था। अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया कि शुगर के रोगियों के लिए स्मार्ट फोन का अधिक प्रयोग उनके शुगर लेबल को अनियंत्रित कर देता है।