शहीदों की याद में किसानों का आज कैंडल मार्च

- पुलवामा में आज ही के दिन शहीद हुए थे 40 जवान
- गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हिंसा की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को आज 81 दिन हो गए हैं। वहीं किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और किसानों पर दर्ज किए गए कथित फर्जी मामलों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। इसके साथ ही आज किसान पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद करते हुए देश भर में कैंडल मार्च और मशाल जुलूस निकालेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि जिन किसानों को पुलिस के नोटिस मिल रहे हैं, वे उसके (पुलिस के) समक्ष प्रत्यक्ष रूप से पेश न हों, बल्कि सहायता के लिए किसान यूनियनों द्वारा गठित कानूनी प्रकोष्ठ से संपर्क करें। मोर्चा के कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य कुलदीप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा और किसानों पर दर्ज फर्जी मामलों के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
किसान नेताओं के अनुसार ट्रैक्टर परेड में शामिल हुए 16 किसान अब भी लापता हैं। मोर्चा के नेताओं ने दावा किया कि किसानों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उनका उत्पीड़न करने के लिए उन पर डकैती तथा हत्या का प्रयास करने जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि मोर्चा गिरफ्तार किसानों में से प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये उपलब्ध कराएगा, ताकि वे जेल की कैंटीन में उससे भोजन खरीद सकें। किसान संगठन आज शहीद जवानों की याद में पूरे देश में मोमबत्ती मार्च, मशाल जुलूस और अन्य कार्यक्रम आयोजित करेंगे.जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।