ट्रंप हिंसा के आरोपों से बरी

- सीनेट ने किया बरी, दूसरी बार लाए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी कर वोटिंग की
- प्रस्ताव को नहीं मिल सका दो तिहाई बहुमत, 57 ने माना दोषी, 43 ने आरोप नकारे
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ऐतिहासिक जीत मिल गई है। सीनेट ने छह जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा भड़काने के आरोप से बरी कर दिया है। इससे पहले सीनेट ने शनिवार को पांचवें दिन ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी कर वोटिंग की।
वोटिंग में 57 सीनेटरों ने उन्हें दोषी पाया जबकि 43 सीनेटरों ने उन्हें दोषी नहीं पाया। ऐसे में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को जरूरी दो तिहाई बहुमत यानी 67 वोटों की जरूरत थी जो नहीं मिल सका।
डेमोक्रेट्स के अपना पक्ष रखने के बाद ट्रंप के बचाव में दलील सुनने के लिए दो घंटे की वक्त तय किया गया, जिसके बाद सीनेट में इस पर वोटिंग हुई। ट्रंप के वकील माइकल वॉन डेर वीन ने उनके बचाव में कहा कि कांग्रेस पर हमला सुनियोजित था और इसके लिए पहले से योजना बनाई गई थी। इस घटना को ट्रंप के भाषण से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि ट्रंप पर आरोप लगे थे कि उन्होंने 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल) में दंगे करवाए थे, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि उन्होंने इस आरोप से इनकार किया। इस दौरान अधिकांश रिपब्लिकन सांसदों ने संकेत दिया है कि वे ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए मतदान नहीं करेंगे। बचाव पक्ष ने महाभियोग सुनवाई के त्वरित समापन के लिए चार घंटे से भी कम का समय लिया।
इसके बाद दोनों पक्षों के प्रश्न पूछने के लिए सीनेटरों को चार घंटे का समय दिया गया। इससे पहले सीनेटरों ने संसद में दो दिनों तक बैठक की जिसमें वीडियो और ऑडियो फुटेज खंगाली गई। डेमोक्रेटिक अभियोजकों ने यह दिखाने की कोशिश की कि ट्रंप का रवैया हिंसा भड़काने का रहता है। उन्होंने दंगा रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया और न ही उन्होंने कोई खेद व्यक्त किया, और न ही उन्होंने कोई खेद व्यक्त किया।