मामा-भांजे की जंग शहर भर में है चर्चा का विषय

- मुंहबोले भांजे अशोक अग्रवाल ने खोल रखा है राज्यमंत्री उदयभान सिंह के खिलाफ मोर्चा
- कथित अन्य पीड़ितों को साथ लाकर मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहे हैं मुंहबोले भांजे
प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह और उनके मुंहबोले भांजे की जंग इन दिनों शहर में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन चुकी है। राज्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहे मुंहभोले भांजे अशोक अग्रवाल ने अब अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पहुंचाने को प्रयासरत हैं। वे मुख्यमंत्री से मुलाकात के प्रयास में जुटे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है। इसके साथ ही साथ ही अशोक अग्रवाल अपने सारे आरोपों को सार्वजनिक करने की मुहिम भी छेड़े हुए हैं। जानकारियां तो यहां तक हैं कि भांजे के कथित आरोपों से संबंधित सारे कागजात भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने की कोशिशें भी चल रही हैं। इन सारे आरोपों को नकारते आ रहे चौ. उदयभान सिंह की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं और आने वाले दिनों मेें और बढ़नी तय हैं।
कमलानगर के तेजनगर के निवासी अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि 40 वर्षों से चौ. उदयभान सिंह उनकी मां को राखी बांधते हैं, इसलिए वह उन्हें अपना मामा मानते हैं। पिछले दिनों उन्होंने राज्यमंत्री पर आरोप लगाया था कि वह उनके ढाई करोड़ रुपये वापस नहीं कर रहे हैं। यह धनराशि उन्होंने और उनके पुत्र ने ली थी। इसका खुलासा उन्होंने सार्वजनिक तौर पर किया था। अब ताजा मामला हसनपुरा (लोहामंडी) स्थित एडीए के पार्क पर कथित कब्जे का है। अशोक अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि चौ. उदयभान सिंह ने पिछले 30 वर्षों से प्राधिकरण के 16 हजार वर्गफीट के सार्वजनिक पार्क पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसमें उनके साथ झम्मनलाल गुरनानी भी शामिल हैं। उनका कहना है कि इस मामले को लेकर वह जिलाधिकारी और एडीए के वीसी व सचिव से लिखित शिकायत कर चुके हैं पर सत्ता के डर से कोई भी अधिकारी इस मामले में हाथ नहीं डाल रहा है। उनका यह भी कहना है कि पार्क में बड़े-बड़े छायादार वृक्ष भी कटवा दिए गये हैं। पार्क में टिनशेड डलवाकर मिठाइयां बनाने का काम चल रहा है।
अशोक अग्रवाल का कहना है कि उनके जैसे तमाम अन्य लोग हैं, जो मामा उदयभान सिंह से पीड़ित हैं। वे इन पीड़ितों को भी एकजुट करने की में जुटे हुए हैं ताकि सामूहिक तौर पर अपनी आवाज उठा सकें। वे इन सबको साथ लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं। साथ ही वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के यहां भी गुहार लगा रहे हैं। इस मामले में उन्होंने भाजपा के नेताओं से संपर्क भी किया है। उनके माध्यम से वह मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेने के प्रयास में जुटे हैं। यदि सीधे मुलाकात का समय नहीं मिला तो वह जनता दरबार में पहुंचकर मुख्यमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाएंगे। उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री को पूरे साक्ष्य भी सौंपेंगे।
अशोक अग्रवाल अपने संघर्ष को पैसा वापसी तक जारी रखने की बात कह रहे हैं। अशोक अग्रवाल के सामने आने के बाद उदयभान सिंह के राजनैतिक विरोधियों की बांछें खिल गई हैं। वे लगातार इन मामलों से प्रदेश के नेतृत्व को अवगत करा रहे हैं। परिणाम चाहे जो भी हो, पर अशोक अग्रवाल के सामने आने के बाद उदयभान सिंह के लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। हालांकि उदयभान सिंह इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हैं। इसे वह विरोधियों की चाल मानते हैं। उनका कहना है कि अशोक अग्रवाल भी उन्हीं के हाथों में खेल रहे हैं। वह इस मामले में जांच को तैयार हैं। उदयभान सिंह ने यह भी कहा है कि उनके ऊपर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोपों पर वे कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं।