क्या बापू षडयंत्रकारी थे?

राज्यसभा के बजट पर चर्चा के दौरान नाटकीय दृश्य दिखा! एक कांग्रेस सांसद ने महात्मा गांधी के लिए आंदोलनजीवी शब्द का प्रयोग किया, जिसपर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने टिप्पणी की। ठाकुर ने पूछा कि क्या राष्ट्र्पिता षडयंत्रकारी थे? इसपर कांग्रेस सांसद वेल में चले गए। दरअसल कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलनजीवी शब्द का प्रयोग करने का जिक्र किया। आंदोलनों की जरूरत बताते हुए वेणुगोपाल ने कहा है कि देश को अंग्रेजों से आजादी आंदोलनों के चलते ही मिली थी और इस तर्क से तो महात्मा गांधी सबसे बड़े आंदोलनजीवी होते।
कांग्रेस सांसद के बोल चुकने के बाद ठाकुर खड़े हुए और कहा कि मैंने कभी ये अपेक्षा नहीं की थी कि कांग्रेस का कोई सांसद और पदाधिकारी महात्मा को षडयंत्रकारी कहेगा। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं हो सकती। ठाकुर ने कहा कि महात्मा गांधी को आंदोलनजीवियों से जोड़ना ठीक नहीं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रधानमंत्री ने बहुत स्पष्ट तरीके से आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बीच का अंतर समझाया था। कांग्रेस सांसदों ने ठाकुर की इस टिप्पणी का विरोध करते हुए कहा कि किसी ने गांधी को षडयंत्रकारी नहीं बताया। वे सदन के वेल में आकर ठाकुर से माफी मांगने की मांग करने लगे। पीठासीन सभापति भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि वे रेकॉर्ड्स को देखेंगे और अगर कोई शब्द असंसदीय होगा तो उसे कार्यवाही से हटा देंगे लेकिन विरोध जारी रहा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की टिप्पणी पर संसद गर्म
इससे पहले, कांग्रेस सांसद और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट को अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा बताया। उन्होंने कहा कि यह गरीबों के लिए कुछ नहीं करता। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि चूंकि हम असहमति जताते हैं, इसलिए आंदोलनजीवी और परजीवी कहे जाते हैं। परजीवी वे एक प्रतिशत लोग हैं, जिनके नियंत्रण में भारत की 73 प्रतिशत संपदा है। उन्होंने कहा कि ये बजट उन एक प्रतिशत लोगों के लिए ही है।