हम वादा करते हैं सरकार का सिर नहीं झुकने देंगे- टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताए कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती। हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे। ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?
टिकैत ने कहा कहा कि सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे। किसान नेता ने कहा कि सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके जरिए इसे दबाया जा सकता है। किसान तभी घर लौटेंगे जब नए कानून वापस ले लिए जाएंगे।
सरकार कानून वापस न लेने की अपनी मजबूरी तो बताए
दरअसल 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ गया था। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शनस्थलों से ज्यादातर किसान बोरिया-बिस्तर समेटकर अपने-अपने घर जा चुके थे। कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन से दूरी भी बना ली। किसान नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। लेकिन गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसू छलकने के बाद एक बार फिर आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी विरोध-प्रदर्शन की जगहों पर पहुंच रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर तो पश्चिमी यूपी से ग्रामीण राकेश टिकैत के लिए घड़ों में पानी लेकर पहुंच रहे हैं क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ यूपी का पानी पिएंगे।