कश्मीरी बाजार को किस बात की सजा

- आभूषणों वाले इस बाजार में इतना जाम रहता कि पैदल निकलना भी मुश्किल
- शाम होते ही छा जाता है अंधेरा, भरी नालियों से उफनता है तेजाब का पानी
महानगर के पुराने बाजारों में से एक कश्मीरी बाजार के अस्तित्व पर संकट है। सोने-चांदी के आभूषणों के निर्माण और क्रय-विक्रय के लिए पहचान रखने वाले इस बाजार में जनसुविधाओं का हाल बेहाल है। पुलिस और नगर निगम की लापरवाही से समस्याएं हल नहीं हो रहीं। कश्मीरी बाजार व्यापार संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि यही हाल रहा तो इस बाजार में कारोबार चौपट हो जाएगा।
बाजार में सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। पूरे दिन जाम लगा रहता है। हालत यह हो जाती है कि किसी दुपहिया वाहन से तो दूर, पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। कोतवाली पुलिस को कई बार लिखित में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए लिखा गया है, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया है। इसकी वजह से बाजार में दूर इलाकों से खरीददारी के लिए आने वाले व्यापारी कतराने लगे हैं। दूसरी बड़ी समस्या स्ट्रीट लाइट की है। सोने-चांदी के आभूषणों का कारोबार होने के बावजूद इस बाजार में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। नगर निगम के अधिकारियों को कई बार लिखकर गुहार लगाई गई है कि पुरानी स्ट्रीट लाइटें ठीक करने का साथ कुछ नए प्रकाश बिंदु भी लगाए जाएं, लेकिन नगर निगम के स्तर से भी व्यापारियों को निराशा ही हाथ लग रही है। तीसरी समस्या बाजार में नालियों की सफाई न होने की है। बाजार की नालियां कीचड़ से भरी हुई हैं। चांदी की रिफाइनरियों में इस्तेमाल होने वाला तेजाब इस बाजार की नालियां भरी होने के कारण उफनकर सड़क तक आ जाता है। तब बाजार की सड़क पर पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। बिजली की भूमिगत लाइन आदि के लिए टोरंट द्वारा की जाने वाली खुदाई के बाद मरम्मत नहीं हो पाने से भी समस्या पैदा होती है।
सीसीटीवी कैमरे खराब
किनारी बाजार तिराहा, जहां से कश्मीरी बाजार की सीमा प्रारंभ होती है, पर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इन दिनों ये कैमरे खराब पड़े हुए हैं। कैमरे कार्यशील रहें तो व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। शिकायतें किए जाने के बावजूद कैमरे भी दुरुस्त नहीं किए गए हैं।

कश्मीरी बाजार व्यापार संगठन
कश्मीरी बाजार प्राचीन और प्रमुख बाजारों में से एक हैै। सोने-चांदी के आभूषणों का कारोबार होता है। इस बाजार की ख्याति दूर-दूर तक है, लेकिन सरकारी विभागों की लापरवाही के कारण जो समस्याएं यहां विद्यमान हैं, उसमें तो इस बाजार का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।

महानगर का प्रमुख बाजार होते हुए भी पुलिस और नगर निगम कश्मीरी बाजार की उपेक्षा कर रहे हैं। ट्रैफिक जाम रहने से कारोबार प्रभावित होता है। नालियों से तेजाबी पानी सड़क पर आने से बाजार में बैठना मुश्किल हो जाता है। बार-बार कहे जाने के बाद भी समस्याएं दूर नहीं हो रहीं।